अपने पसंदीदा विषय के काम को दो सौ प्रतिशत देना चाहिए - अजंता

 

 credit - desicreative

(अजंता गुहाठाकुरता प्रकाशन उद्योग का एक सुपरिचित नाम हैं। इस क्षेत्र में ये पच्चीस सालों से अधिक समय से काम करती आ रही हैं। ये एक इलस्ट्रेटर एवं प्रशिक्षित पेंटर हैं। बाल साहित्य के लिए इनके कार्य उल्लेखनीय हैं। इन्होंने चिल्ड्रेन्स बुक ट्रस्ट, पेंगुइन बुक्स इंडिया (पफिन एंड लेडीबर्ड बुक्स) और इटरनल गैंगेज के साथ व्यावसायिक रूप से पूर्णकालिक काम किया। इनके चित्र और डिज़ाइन भारत के कई अन्य प्रमुख प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित विभिन्न पुस्तकों में दिखाई देते हैं। इनके कामों को राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है एवं खूब सराहा गया है।

एक पाठक के रूप में इनके कामों को विगत कई वर्षों से देखता पढ़ता रहा हूँ। चिल्ड्रन बुक इलस्ट्रेशन में काम करने वाले अनेक इलस्ट्रेटर्स अपनी स्टाइल डेवेलप करते हैं और उसी स्टाइल को पकड़ते हुए आगे के काम करते चले जाते हैं। लेकिन अजंता जी इस मामले में अन्य इलस्ट्रेटर्स से अलग नजर आती हैं। उन्होंने अपने इलस्ट्रेशन की कोई फिक्स्ड स्टाइल नहीं बनाई है। उन्होंने अलग-अलग तरह के हरसंभव प्रयोग अपने चित्रण में किए हैं। वे अपने काम में खुलापन, नयापन, वरस्टाइल और उसे मजेदार बनाए रखने के लिए हर तरह की क्रिएटिव लिबर्टी और जोखिम लेती रहती हैं। इस साल एक प्रोजेक्ट के दौरान पिक्चर बुक चित्रण पर अजंता जी के साथ पहली बार काम करने का मौका मिला। इलस्ट्रेशन वर्कशॉप में मेरे आग्रह पर अजंता जी ने अपने अनुभवों को प्रतिभागियों के साथ साझा किया था। प्रस्तुत ब्लॉग कार्यशाला में उनके द्वारा साझा किए गए अनुभवों पर आधारित है। बाल साहित्य के पाठकों और एजुकेटर्स को बाल साहित्य के चित्रण को समझने में ये अनुभव मदद करेंगे, ऐसी उम्मीद है। ) 

अपने देश के चिल्ड्रन पब्लिशिंग के साथ एक कॉमन प्रॉब्लम  है कि यहाँ लेखक को इलस्ट्रेटर से मिलने नहीं दिया जाता। इससे लेखक का कहानी के पीछे का दृष्टिकोण समझने का मौका नहीं मिलता। जो यदि मिल जाता तो काम करना आसान हो जाता है।  मसलन कि लेखक अपनी कहानी के माध्यम से क्या बताना चाहता है। कहानी के विजुअल रिप्रेजेंटेशन को लेकर उसके क्या व्यू पॉइंट्स हैं। विदेशों में एक किताब पर सभी मिलकर काम करते हैं।

हर चिल्ड्रन इलस्ट्रेटर की अपनी स्टाइल होती है। मैंने भी विगत सत्ताईस वर्षों से अलग-अलग प्रकाशनों की किताबों के लिए इलस्ट्रेशन किया है। लेकिन मैंने कोई स्टाइल पकड़कर नहीं रखा। शायद इस वजह से मैं अपने काम में 'फन (fun)' लाती हूँ, अपने काम के प्रति adventure लाती हूँ। काम के प्रति लचीलेपन और खुलेपन की वजह से अलग-अलग तरह के काम कर पाई। जैसे हाल ही में झारखंड के लिए एक पिक्चर बुक किया है। जिसमें वहाँ के फोकआर्ट सोहराई और कोहबर को लेकर बच्चों की किताब में एक प्रयोग किया। मैंने कोशिश किया है कि अपने काम को वर्सेटाइल रख पाऊँ। इसलिए अपना कोई एक खास स्टाइल नहीं बनाया।  इसे बनाए रखने की कोशिशें करती रहती हूँ। जैसे मैं किसी भी कहानी को पहले लेखक के नजरिए से पढ़ती हूँ। दूसरी बार एक इलस्ट्रेटर के नजरिए से। तीसरी बार पढ़ते हुए कल्पना होती रहती है कि कहानी के इलस्ट्रेशन का ट्रीटमेंट, मीडिया आदि क्या होंगे। मैं पेंटर पहले हूँ, इलस्ट्रेटर बाद में। इसलिए अपने काम में मैंने पेंटिंग जैसे प्रयोग कर पाती हूँ। मेरे विचार से लिटरल इलस्ट्रेशन नहीं होना चाहिए। इलस्ट्रेशन की अपनी भाषा होती है। जहाँ आप कहानी के मूल को बनाए रखते हुए भी अपने तरफ से एलीमेंट जोड़ सकते हैं। एक बार में एक ही किताब करती हूँ ताकि उसे पर्याप्त समय और क्रिएटिव इनपुट दे सकूँ। मुझसे एक साथ दो-तीन किताबें नहीं बनतीं। 

 चिल्ड्रन बुक इलस्ट्रेटर को अपने काम के दौरान थोड़ा क्रिएटिव फ़्रीडम लेना चाहिए। मैं हमेशा कैरेक्टर, रंगों आदि के साथ प्ले करती हूँ। जैसे पेड़ों को भूरा या ग्रे बना दिया। Golu, The Goldfish के चित्रण में पानी को हरा बनाया है। पानी ब्लू होता है। यहाँ पानी को हरा इसलिए बनाया है, क्योंकि पानी में शैवाल होता है। वह भी तो दिखता है अगर पानी के अंदर से उसकी ओर देखें तो। लेकिन ज्यादातर इलस्ट्रेटर इसे बनाते नहीं हैं। मैंने इसी से प्रेरणा लेते हुए पानी को हरा बनाया है। इस पिक्चर बुक में और भी रंग हैं पानी के। अलग-अलग रंगों का इस्तेमाल पानी के लिए किया गया है ताकि किताब के सभी स्प्रेड एक जैसे न लगें। कवर पर ब्लू रंग से पानी बनाया है। एक स्प्रेड में पर्पल पानी भी है। रंगों से प्ले इसलिए करती हूँ ताकि दृश्यात्मकता अधिक हो यानि वो देखने में पाठक को अच्छा लगे।

                                          
यह चित्र हिरोशिमा और नागासाकी पर बम गिराए जाने के बाद की कहानी पर आधारित है – Sadako of Hiroshima। जब वहाँ के लोग अपने स्वास्थ्य और परिस्थितियों से रिकवर कर रहे थे तो वे कागज के क्रेन बनाते थे। ये क्रेन जीवन के पुनः शुरुआत एवं सकरात्मकता के प्रतीक थे। बमबारी की कहानी कहानी डार्क थी। इसलिए मैंने चित्रण के दौरान बहुत ज्यादा रंगों का इस्तेमाल नहीं किया। यानि कहानी के मूड के अनुसार मेरे कलर पैलेट तय होते हैं।

 


यह चित्र महाश्वेता देवी की कहानी ‘Why Why Girl?’ पर आधारित है। एक वर्जन तूलिका ने प्रकाशित किया है। यह कहानी मुझे भी इलस्ट्रेशन के मिली थी। कहानी सबर जनजाति की एक लड़की मोयना के बारे में है। इसके चित्रण में मैंने इसे स्टीपलिंग स्टाइल (बिंदुओं से चित्रण) में किया है। उसके कपड़े आदिवासी कल्चर के हिसाब से बनाए हैं। ज्यादातर आदिवासी समुदाय के लोग जंगली जानवरों को अपना पालतू बनाते हैं। इसलिए लड़की के हाथ में मैंने नेवला बनाया है। इसमें आपको मेरा पेंटर दिखेगा। बहुत फ्री स्टाइल इलस्ट्रेशन किया है मैंने। कहीं-कहीं मैंने रंगों का प्रयोग किया है। ये एक तरह से 'सजेशन ऑफ कलर' है। जैसे शरीर का रंग सफेद छोड़ दिया और थोड़ा कलर वॉश किया है। पूरी कहानी को मैंने कम से कम रंगों में बनाने की कोशिश की है। ज्यादा सटीपलिंग स्टाइल पर फोकस है।

 

Tiger Call - यह एक कथेतर किताब है, जो बाघ संरक्षण पर केंद्रित थी। बाघ मेरा पसंदीदा विषय भी है। मैं अनगिनत बार बाघ बना सकती हूँ। बाघ के चरित्र के कुछ अंश मेरे व्यक्तिव से मिलते-जुलते हैं। बाघ को अकेले रहना पसंद होता है, मुझे भी अकेलापन पसंद है। बाघ खुद को जिंदा रखने और पोषण के लिए किसी पर निर्भर नहीं रहता। किसी का उसके जीवन में आना उसकी मर्जी से होता है न कि दूसरे की मर्जी से। जो शायद उसके अकेलेपन की वजह भी है। इस किताब में सफेद और भूरे दोनों तरह के बाघों के संरक्षण की बात हो रही है। सफेद की जगह मैंने थोड़ा हरा रंग प्रयोग में लिया है और ग्रे का शेडिंग दिया है। यहाँ एक तरह से मैंने स्वतंत्रता ली है। बाघ पूरा सफेद नहीं दिखाया है। इसका चित्रण यथार्थपरक है। मिक्स मीडिया का प्रयोग है इसमें और टेक्सचर्ड पेपर इस्तेमाल में लिया था।  टेक्सचर्ड पेपर में रंग अच्छे से उभरते हैं।

यह  सोलह पन्नों की पिक्चर बुक है और इसके लिए मुझे 6000 रुपये बतौर पारिश्रमिक मिले थे। जबकि उस समय तक मैं एक स्थापित इलस्ट्रेटर थी। मेरे लिए यह पारिश्रमिक न के बराबर था। इसपर मैंने हर दिन 4 घंटे काम किया। जबकि उस समय मैं एक नौकरी में थी। मुझे घर आकर काम करना होता था। चूंकि विषय मुझे बहुत ही पसंद था। इसलिए मैंने पारिश्रमिक की रकम नहीं देखी। यह एक मौका था मेरे लिए बाघ बनाने का। सौभाग्य से इस किताब के लेखक ने एक अन्तराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए इस किताब को इलस्ट्रेशन की श्रेणी में नॉमिनेट किया था और इस किताब को पुरस्कार भी मिल गया था। यहाँ मैं एक बात नए इलस्ट्रेटर्स से कहना चाहूँगी कि यदि कोई बहुत रोचक और पसंदीदा विषय आपके पास अचानक से आता है, तो कृपया आप मेहनताने के पैसे को न देखें। यदि वह विषय आपके दिल के करीब है तो उसे आप अपना 200 प्रतिशत दीजिए। वो काम आपको कहाँ लेकर जाएगा आप इसकी कल्पना भी नहीं कर सकते।  




यह साइकिल पत्रिका में प्रकाशित एक कविता पर आधारित इलस्ट्रेशन है। जिसमें एक मगरमच्छ डॉक्टर के पास आया हुआ है। मगरमच्छ के दाँत में दर्द है। यहाँ भी मैंने रंगों के साथ प्ले किया है। मगरमच्छ हरे रंग का होता है। लेकिन उसे लाल रंग का बनाया है। इसकी वजह है कि मगरमच्छ दर्द में है। यहाँ दर्द का रंग लाल है। डॉक्टर को मगरमच्छ के मुँह में घुसकर दाँत निकालना पड़ रहा है जो कि थोड़ा रचनात्मक है और फनी भी। इसलिए मगरमछ को लार्जर दैन लाइफ साइज का बनाया।  इस चित्रण में आकृतियों के साथ प्ले किया है। जमीन पर वृत्त दिखाए और पृष्ठभूमि को फ्लैट रखा।

                                        


Watch Out की कहानी थोड़ी मजेदार है। एक शेरनी के तीन बच्चे हैं। शेरनी को जब शिकार पर जाना होता है तो वो उन्हें बोलकर जाती है कि माँद से बाहर नहीं जाना है। लेकिन बच्चे बाहर निकल जाते हैं। वे बाहर की दुनिया के बारे में अपनी समझ बनने की कोशिश करते हैं। उन्हें रास्ते में सेही, मगरमच्छ जैसे जीव मिलते हैं। एक तरह से उनकी अलग-अलग जीवों से मुठभेड़ होती रहती है। बाद में ये बच्चे खुद ही समझते हैं कि उन्हें किससे मिलना चाहिए था, कहाँ नहीं जाना चाहिए था। वे घर लौट जाते हैं। पूरी कहानी में चूँकि बच्चे ही फोकस में हैं, इसलिए कवर पर माँ शेरनी के चित्रण को उस तरह से तरजीह नहीं दी गई है। शेर के बच्चों का डिजाइन थोड़ा अलग-सा करने की कोशिश की गई है। अलग-अलग स्प्रेड पर जमीन सफेद छोड़ दी गई है ताकि फोकस मुख्य पात्रों पर ही रहे जिनकी कहानी चल रही है। सिर्फ पृष्ठभूमि को रंगा गया है। इसलिए कभी कभी चित्रण में पूरे स्प्रेड या हर कॉर्नर को रंगने की या चित्रित करने की जरूरत नहीं होती। खाली जगह की अपनी अहमियत है। यह काम वाटर कलर में किया था।


The Auto That Flewये एक फैन्टेसी स्टोरी है। एक ऑटो की कहानी। जिसे जादुई शक्ति मिलती है उड़ने की। जब वह आसमान में उड़ता है तो उसके कैसे अनुभव होते हैं, वह नीचे क्या-क्या देखता है? क्या महसूस करता है? जमीन से कुछ ऊंचाई पर प्रदूषण कम या नहीं होता है। ऑटो महसूस करता है कि बिना प्रदूषण के वातावरण कैसा होता है। वह याद करता है कि जमीन पर कितना धूल या धुआँ उसे झेलना पड़ता है। चूँकि ऑटो तंत्र-मंत्र के जादुई प्रभाव में है, इसलिए उसके चारों तरफ़ एक डेकोरेटिव सा बॉर्डर बनाया है जो सफेद औरा है।

 


Yellow Balloon Red Balloon – यह एक वर्डलेस पिक्चर बुक है, जो एक वर्कशॉप के दौरान बनाई गई थी। इसे लिखा और चित्रित मैंने ही किया है। यह कहानी दो एलियन भाई बहनों की है। एलियन को चित्रित करना थोड़ा मजेदार रहा। मैंने उन्हें इंसानों से अलग दिखाने की कोशिश की थी। इसलिए zentangle स्टाइल में पूरी बुक को बनाया है। एलियन के संसार को अलग-सा दिखाने के लिए सिर्फ तीन रंगों का इस्तेमाल किया है। स्टाइल भी थोड़ा अलग रखा है।




The Sweetest Mango – यह किताब आमों के मौसम के बारे में हैं। इसमें आम को अलग-अलग तरीकों से कैसे खाया जाता है और उससे क्या-क्या बनता है आदि के बारे में बात की गई है। यानि हर स्प्रेड पर आम बनने थे। स्प्रेड एक जैसे न लगे इसलिए इस किताब के चित्रण के दौरान आम की आकृति को लेकर प्रयोग किया गया है। जैसे एक स्प्रेड में टेक्स्ट के लिए सफेद जगह आम के आकार में छोड़ था। कवर पर आम के पत्तों को डिजाइन के रूप में उपयोग किया गया है। इस काम को  करते हुए बड़ा मजा आया था। इसे थोड़ा अलग तरह का प्रयोग कह सकते हैं। 



यह एक लेडीबर्ड प्रकाशन की किताब है। चूहे और हाथी की कहानी। दोनों जीवों की त्वचा का रंग लगभग एक जैसा ही होता है। इसलिए मैंने यहाँ अपने स्टाइल को थोड़ा बदला है। कैरेक्टर डिजाइन को यहाँ देखा जा सकता है। रंगों के साथ प्ले करते हुए मैंने हाथी और चूहे दोनों को ग्रे/सलेटी रंग में रखा है पेंसिल शेडिंग का प्रयोग करते हुए। दूसरे एलीमेंट चाहे बैकग्राउंड हो या रस्सी, उनको रंगीन रखा गया है। आपको वैचारिक रूप से दृढ़ होना होता है जब आप इस तरह के प्रयोग चित्रण में लेकर आते हैं। आपके मन में इसको लेकर स्पष्टता होनी चाहिए कि चित्रण कैसा बनेगा। कला एक भाषा है। वो खुद ही बोलती है। आपका इलस्ट्रेशन पाठक से खुद ही बात करेगा। आप क्या बात करना चाहते हैं? अगर वो स्पष्ट है तो। मैं इस चित्र के माध्यम से यही बात करना चाहती थी कि पाठक थोड़ा अलग-सा देखना सीखें, जो अब तक देखते आए हैं। जैसे भूरी रस्सी, हरा पेड़, नीली नदी आदि।



कछुए और खरगोश की कहानी अनेक बार लिखी और चित्रित की जा चुकी है। यह मेरा वर्जन है इस कहानी का। जिसमें खरगोश के अंगों को थोड़ा खींचकर लंबा कर दिया है। रंग सफेद और हरा दिया है ताकि ये अलग दिखे।   

 


(यह नई किताब है जिसपर अजंता जी ने हाल ही में काम किया है। कहानी में चींटी और उसके परिवेश को चित्रित किया गया है। इसमें झारखंड की लोककला कोहबर और सोहराई मिश्रित करते हुए कैरेक्टर और सेटिंग की परिकल्पना की गई है। 

इब्नबतूता कविता बच्चों के बीच काफी प्रसिद्ध है। अलग-अलग तरह से इसको इलस्ट्रेट किया गया है। एक वर्जन अजंता जी ने भी बनाया है। मेरे विचार से यह उस कविता का सबसे बेहतरीन वर्जन है। जो एक फन, मस्ती और चुहल इस चित्रण में दिखाई देती है वो अन्य किसी के काम में अब तक नहीं दिखी थी। कल्चर और सेटिंग को लेकर काफी काम किया गया है। 

किसी इलसट्रेटर के समस्त काम  और अनुभव को को एक ब्लॉग में समेट संभव नहीं। ब्लॉग की अपनी सीमा है। फिर भी अजंता जी के अन्य कामों को उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर देखा जा सकता है। एक पूरी यात्रा वहाँ दिखाई देती है। 

https://www.instagram.com/ajantaguhathakurta/ ) 

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