एक फ़ायर हॉर्स की रोमांचक कहानी

याद रही किताबें – 2


विश्व साहित्य : अमरीका 

कृति – Blitz 

लेखिका – हीटी बर्लिगम बीट्टी

प्रकाशन वर्ष - 1961 

भाषा - अंग्रेजी

(बचपन से ही मुझे घोड़ों से प्यार था। मनुष्य के अलावा धरती पर दूसरा प्राणी घोड़ा ही था, जो मुझे आकर्षित करता था। – प्रियंवद, गोधूलि कहानी में)

घोड़ों से मेरी कभी नजदीकी रही हो, ऐसा याद नहीं आता। गदहे और खच्चर तो बिहार और झारखण्ड के उन इलाकों में अमूमन दिख ही जाते थे, जहाँ मेरा बचपन गुजरा है। बिहार का आरा शहर ऐतिहासिक वजहों से अपनी पहचान रखता है। जो बिहार अश्वारोही सैन्य बल का मुख्यालय भी है। बचपन में शहर के बस स्टैंड पर ऊँची कद-काठी वाले सफ़ेद अरबी घोड़े मैंने पहली बार देखे थे। वे मेरे देखे आज तक के सबसे ऊँचे घोड़े थे। पापा बताते हैं कि उनके बाबा को घोड़े रखने का शौक था। वे घोड़ों की खरीद-बिक्री भी किया करते थे। बाद में एक घोड़े ने बचपन में पापा का हाथ चबा लिया था। जिसकी वजह से उसे बेचना पड़ा था। ये कुछ छिटपुट यादें हैं घोड़ों से जुड़ीं। परन्तु घोड़ों की कहानियाँ बेहद आकर्षित करती हैं।

किताबों से जुड़ी बचपन की एक ऐसी याद भी रही है, जिसने एक तरह से कुछ दशकों तक मेरी पाठकीय परीक्षा ली है। मुझे कई किताबों, कहानियों से गुजारा है। घोड़े के ऊपर लिखा गया बाल उपन्यास जिसे मैंने चौथी या पाँचवी कक्षा में पढ़ा था – ‘ब्लिट्ज’। जो बातें इस किताब से जुड़ी याद हैं उनमें यह कि इस उपन्यास में एक घोड़े ‘ब्लिट्जका जन्म एक पहाड़ी ढलान पर बने फार्म हाउस में हुआ था। अपनी माँ से वह हर रात तमाम दुनियावी सवाल करता था। दिन भर की थकी होने के बावजूद वह उसके सवालों के जवाब दिया करती थी। लेकिन जो दो बातें इस उपन्यास की मन मस्तिष्क पर छप गई थीं उनमें से पहली वह थी कि जब ब्लिट्ज को बड़े होने पर मेले ले जाया जाता है बेचने के लिए। पहली बार शहर जाने की कल्पना से ब्लिट्ज खुश था, लेकिन उसकी माँ उदास थी। चलने से पहले माँ से उससे कहा – ‘अलविदा बेटे’ अब हम शायद कभी न मिल पाएं। यह बात इस उपन्यास में ब्लिट्ज की स्मृतियों में बार-बार आती है। उपन्यास का अंत भी इसी बात से है कि उसके जीवन में सबकुछ ठीक हो जाता है, लेकिन उसके कान अपनी माँ से ‘मेरा बेटा’ सुनने के लिए तरसते हैं। दूसरी बात जो बड़े रोमांचक अंदाज में इस उपन्यास में लिखी गई है और मेरे लिए नई थी – घोड़े का फायर ब्रिगेड की गाड़ी खींचना। इस उपन्यास की कमाल बात यह थी जब बाद के वर्षों में मैंने सजगता से पढ़ना शुरू किया तो इसकी कहानी के ये दोनों घटनाएँ याद थीं, वह भी टुकड़ों में। तमाम कोशिशों के बावजूद इसका शीर्षक मैं याद नहीं कर पाया था।

इस किताब तक दुबारा पहुँचने की प्रक्रिया मज़ेदार रही। ‘ब्लिट्ज’ को खोजते-खोजते मैं ‘ब्लैक ब्यूटी’ ’ब्लैक स्टालियन’ और ‘स्पिरिट’ जैसी किताबों तक पहुँच पाया। लेकिन ‘ब्लिट्ज’ दुबारा से पढ़ने को नहीं मिल पाई। इंटरनेट के दौर में भी मैं ऐसी कोई व्यवस्था नहीं बना पाया था कि उस किताब से जुड़ी अपनी बची-खुची स्मृतियों के डाटा के आधार पर किताब तक पहुँच पाऊं।

घोड़े पर लिखे जिन उपन्यासों को मैंने पढ़ा है, उनकी शुरुआत एक जैसी ही लगती थी। कहानी जो अमूमन किसी हरे-भरे मैदान के अस्तबल से शुरू होती है। घोड़े का अपनी माँ से लगाव है। थोड़े विवरण उनके मालिकों के मिलते थे। घोड़े की आज़ाद ख़याली के मिलते थे। इस तरह हर बार घोड़े पर लिखी किताब को पढ़ते हुए ख़ुशी से भर उठता कि शायद वह किताब मुझे मिल गई है। अपनी पसंदीदा किताब का पाठ-पुनर्पाठ हमेशा ही आनंदित करता है। लेकिन ज्यों-ज्यों कहानी आगे बढ़ती, थोड़ी निराशा भी होती कि यह वह किताब नहीं। लेकिन इसी बहाने एक रोचक उपन्यास को पढ़ लिया जाता। एक संयोग है कि घोड़े पर लिखे गए उपन्यासों के प्लाट ओवरलैप करते हैं। लेकिन आप उपन्यास में जैसे-जैसे आगे बढ़ते हैं एक नई दुनिया विस्तार लेती जाती है। जहाँ सेटिंग, टोन और शैली को लेकर बिलकुल अलग ही आस्वाद मिलता है। यह बात पढ़ते हुए आपको अजीब लग सकती है कि कहीं प्लाट का ओवरलैप करना घोड़े की किताबों की सीमा तो नहीं। लेकिन इस बात को इस तरह से समझा जाना चाहिए कि यदि कोई पेंटर केवल काले रंग का ही प्रयोग चित्रण में करता है। तो उसके लिए एक ही रंग में कल्पनाशीलता और विषय शैली को लेकर पुनरावृति के बावजूद कितने वृहत रचनात्मक मौके हो सकते हैं। घोड़ों के ऊपर लिखे गए बाल और किशोर उपन्यासों के लिए यही बात कही जा सकती है। विश्व बाल साहित्य में कुछ ऐसे भी उदाहरण मिलते हैं , जब एक ही लेखक ने घोड़े के ऊपर एक से अधिक उपन्यासों की रचना की है।  

मसलन अन्ना सीवेल का उपन्यास ‘ब्लैक ब्यूटी’ एक घोड़े की आत्मकथात्मक शैली में लिखा गया उपन्यास है। इस उपन्यास में घोड़े का संघर्ष दिखाया गया है। इस उपन्यास में अलग-अलग मालिकों के व्यव्हार, उनके काम के तरीकों, घोड़े के साथ उनके बार्तव को बहुत विस्तार से लिखे गए हैं। सारे संघर्षों को पार करता ब्लैक ब्यूटी अंत में एक अच्छे मालिक के यहाँ आ जाता है और उसकी जिंदगी थोड़ी आसान हो जाती है। ’ब्लैक स्टालियन’ एक जहाज की तबाही के बाद एक दूसरे के नजदीक आ गए एक लड़के और एक घोड़े की कहानी है। इसके लेखक हैं वाल्टर फेयरली। इसके बाद भी एक-दो उपन्यास और पढ़ने को मिले थे। 2010 के बाद एक एनिमेशन फिल्म देखने का संयोग बना। नाम था – ‘स्पिरिट : स्टालियन ऑफ़ द सिमर्रों’। इस फिल्म को देखते हुए मुझे उपन्यास की याद आई। लगा कि शायद वही उपन्यास है। लेकिन यह थोड़ा अलग और बेहद रोचक था। इसके पीछे की कहानी के बारे में विस्तार से जानने पर पता चला कि पहले फिल्म बनी है, उसके बाद उसी शीर्षक और कहानी को उपन्यास के रूप में भी प्रकाशित किया गया है। इस कहानी का मूल स्वर घोड़े के आजाद स्वभाव, रंग-भेद, वफ़ादारी आदि है। कुल मिलकर स्टोरी आयडिया अच्छा था। फिल्म के रूप में यह कहानी बहुत प्रभावित करती है।

अलग-अलग उपन्यास जरूर पढ़ रहा था लेकिन उस कथानक का न मिल पाना अफ़सोस देने वाला तो था ही। इस दौरान कुछ लोगों से इस विषय पर बातचीत भी हुई थी। लेकिन शायद सही व्यक्ति नहीं मिल पाया तो उस किताब तक पहुँचाता। पिछले साल( 2022 के अंत में)  जब हमारा परिवार झारखण्ड से बिहार शिफ्ट हुआ तो पुराने किताबों की छंटाई करते हुए ‘ब्लिट्ज’ का अचानक मिल जाना सुखद था। जैसे कोई पुरानी खोई चीज मिल गई हो।   

‘ब्लिट्ज’ मूल रूप से अंग्रेजी में लिखी गई रचना है। जो 1961 में प्रकाशित हुआ था। उसकी लेखिका हीटी बर्लिगम बीट्टी हैं। हीटी बर्लिगम बीट्टी का जन्म न्यू कैनान (अमरीका) में हुआ था। वे एक मूर्तिकार, बच्चों साहित्यकार और इलस्ट्रेटर थीं। उन्होंने एक बार अपने समकालीन लेखकों पर टिप्पणी करते हुए लिखा था कि "मैंने एक मूर्तिकार के रूप में शुरुआत की और धीरे-धीरे लेखन के क्षेत्र में स्थानांतरित हो गई। अब इसमें इतना लीन हो गई हूँ कि मैंने अपना सारा समय इसके लिए समर्पित किया हुआ है, साथ ही  कुछ समय बच्चों की किताबों के इलस्ट्रेशन के लिए देती हूँ।"

ब्लिट्ज उनकी लिखी चौदह किताबों में से दसवीं कृति है। यह किताब अन्ना सीवेल के ब्लैक ब्यूटी’ के तर्ज पर लिखी गई अमेरिकी किताब लगती है। जो बात इस किताब को विशेष बनाती है वह है घोड़ों द्वारा आग बुझाने वाली दमकल गाड़ियों का खींचा जाना। इस किताब को पढ़ते हुए उस समय में फायर ब्रिगेड या दमकल गाड़ियों का किस तरह प्रयोग किया जाता था, की विस्तार से जानकारी मिलती है। कहानी का मुख्य पात्र ब्लिट्ज एक घोडा है जो दमकल गाड़ी खींचता है। एक छोटे से कस्बे ड्रमलिन में रहने वाले सईं पार्किंसन नाम के व्यक्ति उसका नया मालिक है, जिसके घोड़े ही दमकल गाड़ियाँ खींचते थे। सईं इस काम के लिए किसी से कुछ नहीं लेता था। शुरू-शुरू में ब्लिट्ज को आग की चेतावनी देने वाले सायरन से डर लगता था, पर उसका साथी घोड़ा फ्रेंक उसे हिम्मत बंधाता था। इस तरह कुछ घटनाओं के बीच कहानी आगे बढ़ती है। ब्लिट्ज तेज और हमेशा हर आग की घटना पर सबसे पहले पहुँचने वाले  फायर हॉर्स के रूप में चर्चित हो जाता है। फिर एक भयानक घटना में ब्लिट्ज और उसका चालक सईं पार्किंसन दोनों घायल हो जाते हैं। साथी घोड़े फ्रेंक की मृत्यु हो जाती है। इस तरह आग के घोड़े के महान दिन समाप्त हो जाते हैं। अब वह एक घायल घोड़ा था। सई पार्किंसन नई आग बुझाने वाली गाड़ी खरीद लेता है, लेकिन ब्लिट्ज का क्या हो? वह उसे एक फूल वाले को बेच देता है। जो एक क्रूर मालिक साबित होता है। जो बिना बात के उसपर चाबुक बरसाता रहता है। ब्लिट्ज कमजोर हो जाता है और बीमार भी। अंत में वह ब्लिट्ज कसाई के हाथों बेचने का फैसला करता है। मेले में डेव नाम का लड़का अपने पिता से जिद करके ब्लिट्ज को पाँच डॉलर में खरीद लेता है। उसके फार्म पर ब्लिट्ज की सेहत सुधरती है। तीन महीनों में वह स्वस्थ हो जाता है। डेव के पिता डॉक्टर थे। एक रात उन्हें एक छोटी बच्ची को देखने जाना होता है। लेकिन मौसम ख़राब था। सड़कों पर बर्फ़ गिरी थी और अंधड़ चल रहा था। डॉक्टर ब्लिट्ज के साथ उस बच्ची के यहाँ जाते हैं। सुनसान अँधेरे और कड़कड़ाती ठण्ड में ब्लिट्ज उनको लेकर बच्ची के यहाँ पहुँचता है। उनके इलाज से उसकी जान बच जाती है। डॉक्टर आपस घर लौट आते हैं। वे डेव से कहते हैं कि अगर ब्लिट्ज नहीं होता तो वे समय पर नहीं पहुँच पाते और उस बच्ची की जान नहीं बच पाती। इस घोड़े ने ही उसे बचाया है। कहते हुए वह ब्लिट्ज की पीठ थपथपाते हैं। ब्लिट्ज खुश हो जाता है कि उसके दुःख के दिन, बुरे सपने की तरफ पीछे चले गए थे।

इस तरह कहानी दुबारा ख़त्म तो हो गई, लेकिन देर तक इसका प्रभाव मुझ पर रहा। किशोरों के लिए लिखी गई यह किताब वयस्कों को भी उतनी ही पसंद आएगी ऐसा मेरा विश्वास है। 

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