'इल्म' में प्रोफेसर कृष्ण कुमार का व्याख्यान
(19 जुलाई 2025 को शिव नाडर स्कूल, नोएडा ने 'Envisioning libraries as transformative space' विषय पर एक वार्षिक लाइब्रेरी सम्मेलन का आयोजन किया था - ILM (इल्म). इस आयोजन में मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर कृष्ण कुमार को सुनने का मौका मिला था. यहाँ प्रस्तुत है उनके मूल अंग्रेजी में दिये गए भाषण का सम्पादित एवं हिंदी में अनुदित अंश . कुछ तकनीकी कारणों से भाषण के शुरुआती हिस्से को इस टेक्स्ट में शामिल नहीं किया जा सका है. पढ़ने में सुविधा हो इसलिए इस भाषण को अलग-अलग खण्डों में प्रस्तुत किया गया है.) एक स्कूल लाइब्रेरियन को एकदम नए सिरे से काम शुरू करना होता है। उसे सब कुछ जानना पड़ता है कि किस फील्ड में कौन सी किताबें छप रही हैं , कौन सी अच्छी हैं और खरीदने लायक हैं। आजकल जब किताबों का बाजार कभी बहुत भरा होता है तो कभी खाली , तब बच्चों के लिए सही किताबें ढूंढना बहुत मुश्किल हो जाता है। अगर हम पश्चिमी देशों को देखें , खासकर ब्रिटेन और अमेरिका को , तो वहाँ 19 वीं सदी के आखिर से ही बच्चों के लिए बहुत अच्छी किताबें लिखी जा रही हैं। मैं एक बार इंग्लैंड के एक स्कूल ...